dahej pratha par nibandh

दहेज (एक कुप्रथा)दहेज एक सामुहिक बुराई है जिसके कारण महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता हैं दहेज के लिए अपराध उत्पन्न होते हैहमारे देश यह प्रथा का लंबा इतिहास रहा है दहेज वह हैं जो शादी करते समय वधु पक्ष की तरफ से वर पक्ष को दिया जाता हैं पहले वधु पक्ष के लोग अपनी इच्छा अनुसार उनसे जितना हो पाता था उतना देते थे

आज यह बहुत डिमाण्ड में हैं वधू के परिवार द्वारा नक़द या वस्तुओं के रूप में यह वर के परिवार को वधू के साथ दिया जाता है पहले लोग इतना अवेयर नही थे परंतु आज हमें यह पता है कि दहेज़ लेना और देना दोनों ही क़ानूनी जुर्म हैं

शादी दो लोगों के साथ दो अलग परिवार का मिलन होता हैं इसमे सौदा क्या करना और जिस घर मैं आप ऐसे सौदा करके शादी करते हैं उस घर मे दहेज के लोभी हमेसा आपकी बेटी को प्रताड़ित करते रहेंगे ऐसे लोगो के घर अपनी बेटी की शादी न करे जिससे वह आगे जाकर बहुत दुखो का सामना करना पड़े। दहेज एक ऐसी चीज है जो शादी के पहले और शादी के बाद कभी भी ली जा सकती हैं आप दहेज देने से बचे ओर दहेज जैसी बुराई को समाज से कम करने की कोशिश करे ताकि आप से सबक लेकर दूसरे लोगों और समाज मे कोई सुधार हो सके।चलिये जानते हैं दहेज जैसी बुराई को समाज मे कैसे कम कर सके?

दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानूनी नियम:– दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (Dowry Prohibition Act, 1961) को दहेज प्रथा को रोकने और खत्म करने के लिए लाया गया. इसके तहत 2 सेक्शन हैं, जिसमें सेक्शन 3 और 4 आते हैं. इसमें सेक्शन 3 के अंतर्गत दहेज लेना या देना दोनों अपराध माना गया है. ऐसा करने पर अपराधी को 15 हजार रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।

लालच :- कुछ लोग शादी ही दहेज़ के लालच से करते हैं ताकि उन्हें मुह मांगा दहेज मिल सके और वो जब चाहे तब वधु पक्ष से दहेज ले सके ।इस बुराई को खत्म करने के लिये कभी भी ऐसे घर मैं अपने बेटी की शादी न करे क्योकि अगर एक बार आप दहेज देते हैं तो आपको हमेशा यह demand पूरी करना पड़ेगा ऐसा करके आप ऐसे लोगों की लालच को बढ़ावा देते हैं । समय रहते सावधान हो जाये

औऱ वह रिस्ता भी तोड़ दे और सभी को ये भी बताए कि अपने शादी क्यो तोड़ी हैं जिससे ऐसे लोगो को सवक मिल सके ओर उसके बाद किसी ओर से दहेज की डिमांड न करे।दहेज जैसी कुप्रथा जो एक सामाजिक बुराई है उसे कम करने की पहल करिये और समाज के आपके आस पास के लोगों को भी जागरूक करिये।परिवार की सबसे बडी पूंजी उनकी बेटी होती हैं जिसे वह छोटे से बड़ा करते हैं अच्छी शिक्षा देते हैं

हर काम करने की शिक्षा देते हैं पूरे घर को एक साथ करना सिखाते हैं वह परिवार की सबसे अनमोल धरोहर होती हैं जो एक पिता किसी दूसरे को कन्यादान करके दे देता हैं एक माँ अपने दिल का टुकड़ा देती हैं उसके बाद भी अगर आप दहेज देकर शादी करें तो आपकी बेटी कभी खुश नही रह पाएगी इसलिए बेटी ऐसे घर विदा करो जहां उसका सम्मान हो न कि दहेज का एक माँ बाप ही हैं जो इस प्रथा को न मानकर उसका विरोध कर सकते हैं और अपनी फुल जैसी बेटियों को खुशी दे सकते हैं

दहेज प्रथा के दुष्परिणाम (dahej ke dushparinam)

परिवार का विघटन …

आत्महत्याएं …

देर से विवाह …बे

मेल विवाह …

बाल-विधवाओं की समस्या …

बाल विवाह को प्रोत्साहन .

..अनैतिकता और व्यभिचार मे वृद्धि

…ॠणग्रस्तता को प्रोत्साहन

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